Tuesday, February 08, 2011

तुझको सबकुछ ख़त में लिखना

तुझको सबकुछ ख़त में लिखना
जीस्त जैसे तेरे नाम हो लिखना

आँख नहीं हटती है तुझसे
चाँद समझकर तुझको तकना

हर एक गली जैसे तेरा घर हो
हर इक मोड़ पे ऐसे रुकना

आकर कहीं फिर जा न सको तुम
कभी तो ऐसे खुल के मिलना

तेरी याद के मौसम में फिर
ज़ख्मों का फूलों सा खिलना

अपने हांथों की रेखा में
मेरा भी कभी नाम तो लिखना

20 comments:

नीरज गोस्वामी said...

बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति है आपकी रचना...इसे ग़ज़ल न कहें क्यूँ के इसका व्याकरण ग़ज़ल के अनुरूप नहीं है...फिर भी भाव और शब्द बहुत सुन्दर पिरोये हैं आपने...बधाई
नीरज

रश्मि प्रभा... said...

आकर कहीं फिर जा न सको तुम
कभी तो ऐसे खुल के मिलना
... dil ke dwaar khatkhatati rachna

अमिताभ मीत said...

सारिका जी,

अभिव्यक्ति अच्छी है ... भाव बहुत अच्छे हैं .... बधाई

लेकिन नीरज जी की बात पर गौर करें .....

बहरहाल, आप के ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आया ... और एक अच्छी रचना मिली ..... शुक्रिया !!

Sarika Saxena said...

धन्यवाद नीरज जी!
ग़ज़ल के बहर और मात्राओं का हमें ज्ञान नहीं है, बस ग़ज़ल जैसा लगा तो इसे ग़ज़ल लिख दिया|

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत सुंदर सारिका ....प्रेम में पगी हैं सभी पंक्तियाँ.....

Anonymous said...

मैडम जी
आप बहुत अच्छा लिखती है।
आपकी रचनाओ को पढ़कर बहुत अच्छा लगा।

राजेन्द्र सिंह बिष्ट (नेगी)
मेरठ (उत्तर प्रदेश)

Shubham Jain said...

बहुत सुंदर नज़्म ...

धन्यवाद...
''क्रिएटिव मंच.....'

amit kumar srivastava said...

बहुत सुन्दर ..

मुकेश कुमार सिन्हा said...

pyari rachna....
अपने हांथों की रेखा में
मेरा भी कभी नाम तो लिखना

aur pyar darshati rachna..!

Minakshi Pant said...

आकर कहीं फिर जा न सको तुम
कभी तो ऐसे खुल के मिलना

खुबसूरत रचना |

​अवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhan said...

अपने हांथों की रेखा में
मेरा भी कभी नाम तो लिखना.
सुन्दर व्यंजना है आपकी . आभार -अवनीश सिंह चौहान

VIVEK VK JAIN said...

अपने हांथों की रेखा में
मेरा भी कभी नाम तो लिखना
......khwaish badi pyaari h.........aur gazal ultimate.

Kunwar Kusumesh said...

महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

हरीश सिंह said...

आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए तथा पत्येक भारतीय लेखको को एक मंच पर लाने के लिए " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" का गठन किया गया है. आपसे अनुरोध है कि इस मंच का followers बन हमारा उत्साहवर्धन करें , साथ ही इस मंच के लेखक बन कर हिंदी लेखन को नई दिशा दे. हम आपका इंतजार करेंगे.
हरीश सिंह.... संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"
हमारा लिंक----- www.upkhabar.in/

Patali-The-Village said...

बहुत सुंदर,खुबसूरत रचना |

हरीश सिंह said...

बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

Raj said...

nice gajal or poetry just very close to heart.

रेखा said...

बहुत अच्छी कविता

Anonymous said...

Realy Me Bahut Bhadiya Kavita Hai...

shikha varshney said...

आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ.अब लगता है पूरा ब्लॉग पढ़े बिना नहीं रहा जायेगा.