बातें जो दिल से निकलीं ...पर ज़ुबां तक न पहुंची ...बस बीच में ही कहीं कलम से होती हुयी पन्नों पर अटक गयीं... यही कुछ है इन अनकही बातों में...
उमस भरे मौसम के संग मे लेकर आस जुलाई आई , बारिश के संग तुम आओगे मन में यही दिलासा लाई
प्रशंसनीय
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