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राहें हज़ार हैं यहां, पर मंज़िलें कहां?
तुमसे मिलाये जो हमें, वो रहगुज़र कहां?
मौसम वस्ल के आये, आकर चले गये।
नसीब जिसका हो खिज़ां, उसको बहार कहां।
मिलते ही हमसे कहते हो, 'कहां हो आजकल?'
हम तो हमेशा हैं यहीं, रहते हो तुम कहां?
उसकी तलाश में भटके हर सू यहां वहां,
ढूंढा न अपने दिल में ढूंढा कहां कहां।
जिसकी तलाश में छोडा दुनिया औ' दीन सब,
अलहदा है वो सभी से उसकी मिसाल कहां।