आज करीब दो हफ़्तों के बाद खिली निखरी धूप निकली है। इतनी तेज कि आँखों को चुभ रही है। नीले आसमान में सफेद बादलों के टुकड़े टंगे हुए हैं जैसे कि किसी ने बारिश के बाद धूप देखकर ढेर सारे कपडे सुखाने को डाल दिये हों।
लोग अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। river view enclave में जहां दो दिन पहले नाव चल रही थी, आज लोग पैदल चल कर माहौल का जायज़ा ले रहे हैं। दीवारों पर पानी उतरने के बाद की चित्रकारी देख रहे हैं। घरों के सामने पुराने बिस्तर, तकिये, कपडे और भी न जाने क्या क्या कूड़े के ढेर में पड़ा है, पानी ने किसी को नहीं को बक्शा है। अडयार नदी में पानी कुछ नीचे उतर गया है पर नदी अभी भी पूरे वेग से बह रही है। हम सब को अहसास कराती हुयी कि प्रक्रति के आगे मनुष्य की ताकत कुछ भी नहीँ है।
लोग अपने घरों को वापस लौट रहे हैं। river view enclave में जहां दो दिन पहले नाव चल रही थी, आज लोग पैदल चल कर माहौल का जायज़ा ले रहे हैं। दीवारों पर पानी उतरने के बाद की चित्रकारी देख रहे हैं। घरों के सामने पुराने बिस्तर, तकिये, कपडे और भी न जाने क्या क्या कूड़े के ढेर में पड़ा है, पानी ने किसी को नहीं को बक्शा है। अडयार नदी में पानी कुछ नीचे उतर गया है पर नदी अभी भी पूरे वेग से बह रही है। हम सब को अहसास कराती हुयी कि प्रक्रति के आगे मनुष्य की ताकत कुछ भी नहीँ है।
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