Tuesday, November 07, 2006

हमारी नई कृति और एक लम्बी अनुपस्थिति की वजह


वरलक्ष्मी [वरम] जन्म : १२ अक्टूबर २००६

"भर गई मेरे हांथों के प्याले में
एक नन्हीं सी मुस्कान
उठे थे हांथ जो दुआ के लिये
वो पा गये वरदान।"