tag:blogger.com,1999:blog-13168154.post112906072023288591..comments2023-10-29T09:36:44.479-05:00Comments on अनकही बातें: साथ....Sarika Saxenahttp://www.blogger.com/profile/07060610260898563919noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-13168154.post-1129634582289314842005-10-18T06:23:00.000-05:002005-10-18T06:23:00.000-05:00सारिका की सुन्दर कवितायें गुलाब पर ओस की बूंदों की...सारिका की सुन्दर कवितायें गुलाब पर ओस की बूंदों की तरह लगती हैं.<BR/>अनूप जी, ये तो हमारा (मेरा और सारिका का ) मिज़ाज कुछ एक सा है , सो एक से रंग आपको दिखते हैं :-))<BR/><BR/>प्रत्यक्षाPratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13168154.post-1129065576494546582005-10-11T16:19:00.000-05:002005-10-11T16:19:00.000-05:00फोटो भी खूबसूरत है-कविता के साथ-खुशबू की तरह तुमको...फोटो भी खूबसूरत है-कविता के साथ-<BR/>खुशबू की तरह तुमको रूह में उतारा है,<BR/>जाओ कहीं भी लेकिन रहता है साया साथ।<BR/><BR/>दुआओं में था असर हम एक दूजे को मिल गये,<BR/>लोगों की भी नज़र में है तेरा और मेरा साथ।<BR/><BR/>ये लाइनें क्या प्रत्यक्षा के दबाव में लिखीं गयीं?<BR/>खुशी की थी इम्तिहां कि आंख में पानी सा भर गया,<BR/>गम और खुशी तो बस ऎसे ही चलते हैं साथ साथ।::)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com